स्टॉकहोल्म इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टिट्यूट की हालिया रिपोर्टों के अनुसार “सऊदी अरब हथियारों को खरीदने की होड़ में हैं “.
स्टॉकहोल्म इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टिट्यूट की रिपोर्ट
रिपोर्टों के मुताबिक सऊदी अरब ने पिछले पांच सालों में उससे पहले के पांच सालों के मुताबिक 225% हथियारों की खरीद में वृद्धि की है, जिनमे से अमेरिका से 98% हथियार खरीदे गए और यूरोपीय संघ के देशों से भी सऊदी अरब ने हथियार खरीदे, रिपोर्टों में कहा गया है की ठीक इसी अवधि के दौरान इजराइल ने भी अपने हथियारों के निर्यात में वृद्धि की है और इजराइल हथियारों के निर्यात में 55% की वृद्धि हुई है.
द जेरूसलम पोस्ट के अनुसार “स्टॉकहोल्म इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टिट्यूट की रिपोर्ट का टाइटल “एशिया और मिडिल ईस्ट में हथियारों के आयात में वृद्धि और अमेरिका में हथियारों के निर्यात में भी वृद्धि” दुनिया भर में चल रहे हथियारों के ट्रेंड का विवरण देता है.अमेरिका, रूस, फ्रांस, जर्मनी और चीन सैन्य प्रौद्योगिकी का सबसे बड़ा निर्यातक रहे हैं.
रिपोर्टों में यह भी कहा गया है की “ओबामा शासन के तहत 1990 के बाद से पहली बार अमेरिका के हथियारों का आयात लेवल बढाया गया.
डॉ औदे फ्लयूरांत, डायरेक्टर ऑफ़ द स्टॉकहोल्म इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टिट्यूट ने कहा की ” इजराइल के साथ-साथ तुर्की और साउथ कोरिया ने भी हाल के वर्षों में निर्यात बढाया है.”
जेरुसलम पोस्ट के अनुसार “मिडिल ईस्ट ने पिछले पांच सालों में हथियारों के आयात में छलांग लगायी है, 2008-2012 की तुलना में मिडिल ईस्ट में 103 % हथियारों का आयात हुआ है, जो की वैश्विक हथियार आयात का 32% है ,भले ही इस क्षेत्र में दुनिया की 5% ही आबादी क्यों न रहती हो पर इस क्षेत्र ने हथियारों के आयात में काफी लम्बी छलांग लगाई है.
सऊदी अरब के हथियार
सऊदी अरब के साथ हथियार खरीदने में अमीरात ने भागीदारी की है, सऊदी अरब ने 78 कॉम्बैट एयरक्राफ्ट, 72 विमान, 328 टैंक्स और 4000 व्हीकल्स डिलीवर की हैं, जबकि क़तर ने 84 विमानों के लिए अमेरिका,ब्रिटेन और फ़्रांस के साथ समझौतों पर हस्ताक्षर किये हैं. क़तर ने 2017 में फ्रांस को 12 अतिरिक्त विमान का आदेश दिया था.
एसआईपीआरआई के पास आर्म ट्रांसफर डेटाबेस में प्रमुख हथियारों के सभी अंतरराष्ट्रीय स्थानान्तरण की जानकारी भी है.
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