यमनी खौलन जनजातियों के एक वरिष्ठ शेख़ ने रविवार की शाम को अपने जनजाति और हौथी विद्रोहियों के बीच हुई लड़ाई में घोषणा की. उन्होंने कहा कि विद्रोहियों ने खौलन जनजातियों के ‘शेख मोहम्मद अल-गदेर के घर को घेर लिया था और मारे गए राष्ट्रपति अली अब्दुल्ला सलेह के भतीजे से सरेंडर करने की मांग की.
सलेह के भतीजे ब्रिगेडियर तारिक मोहम्मद सलेह, उनकी सिक्यूरिटी के प्रमुख भी थे और सना में हौथिस के खिलाफ कई लड़ाईयों का नेतृत्व भी किया था. सूत्रों के मताबिक विद्रोहियों ने ज़ोर देकर कहा कि ब्रिगेडियर सलेह खौलन में छिपा हैं और यह भी कहा है कि वह अपने चाचा के साथ मारे नहीं गए थे, जनरल पीपुल्स कांग्रेस (GPC) पार्टी के समाचार आउटलेट्स ने इसका दावा किया.
GPC पार्टी के प्रमुख ने कहा कि ब्रिगेडियर सलेह पूर्व राष्ट्रपति सलेह की हत्या के ठीक पहले मारे गए थे, इससे पता चलता है कि पूर्व राष्ट्रपति हौथी विद्रोहियों के हाथों अपने भाग्य को पूरा करने से पहले ही अपने भतीजे को दफ़न किया था.

स्रोतों के मुताबिक, खौलन जनजातियों ने शेख अल-गदेर का बचाव किया और मिलिटिया के 8 गुटों को लड़ाई में मार गिराया और यह जंग रविवार तक चली. जनजातीय सूत्रों ने पहले कहा था कि हौथी लड़ाकों ने शेख अल-गदेर को गिरफ्तार करने की कोशिश की है, और उसके हथियार जब्त करके उसे सरेंडर करने के लिए कहा है.
सूत्रों ने यह भी कहा है कि हौथी शेख अल-गदेर और खौलन जनजाति के अन्य नेताओं से नाखुश है, जिन्होंने सना को आज़ाद करने के लिए यमनी सेना का समर्थन किया था, जब हौथियों ने पूर्व राष्ट्रपति सालेह को मार दिया था.
शेख अल-गदेर जनजाति के एक जाने-माने चेहरों में से एक थे, जो सलेह और हौथियों के बीच पिछली समितियों में काम करते थे. वह पूर्व राष्ट्रपति के प्रति वफादार होने के लिए भी जाने जाते है.