बहरीन में तीन मुस्लिमानो की फांसी पर ईरान ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई हैं. ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का कहना हैं कि बहराम क़ासेमी ने रविवार को कहा है कि इन तीन बहरैनी नागरिकों के खिलाफ मुकद्दमे की कार्यवाही अन्यायपूर्ण तरीके से हुई हैं, जिसकी पुष्टि अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं और मानवाधिकार संगठनों ने की है.
ईरानी मीडिया के अनुसार बहराम क़ासेमी ने बहरीन सरकार पर आरोप लगते हुए कहा कि “सरकार ने इस कार्यवाही से एक बार फिर यह साबित कर दिया कि वह शांतिपूर्ण समाधान और बहरीन के संकट से निकलने की राह की तलाश में नहीं है क्योंकि वह हिंसा और निहत्थे प्रदर्शनकारियों का जनसंहार जारी रखे हुए है.”
प्रवक्ता ने कहा कि बड़े अफसोस की बात है कि एेसे हालात में कि जब बहरीन की जनता, धर्मगुरु व राजनीतिक कार्यकर्ता तथा अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं इस देश के संकट को वार्ता द्वारा हल किये जाने पर बल दे रही हैं, वही देश का शासन, कठोर व हिंसक व्यवहार, राजनीतिक बंदियों को मौत देकर और दमन द्वारा इस देश को पूर्ण रूप से राजनीतिक समाधान की और ले जा रहा हैं.
उल्लेखनीय हैं कि बहरीन में छह सालो के बाद किसी नागरिक को दोषी पाए जाने पर मौत की सज़ा सुनाई गयी हैं. लेकिन, इन अपराधियो को सज़ा-ए-मौत असाधारण तरीके से दी गयी हैं. अरब जगत के प्रबल सुन्नी देश बहरीन में शिया तीन शिया मुसलमानो को गोली मारकर मौत की सज़ा दी गयी हैं.
वर्ल्ड न्यूज़ अरबिया को मिली जानकारी के अनुसार इन शिया कार्यकर्ताओं को 2014 में हुए बम धमाकों में तीन पुलिसवालों की हत्या का दोषी करार दिया गया था. जिसके बाद इनको सज़ा-ए-मौत गोली मार कार पूरी की गयी हैं.
बताया जा रहा हैं कि छह साल में ये पहला मौका हैं जब किसी कैदी को सज़ा-ए-मौत दी गयी हैं. देश की सबसे बड़ी अदालत ने हफ्ते भर पहले इनकी सजाओं पर मुहर लगाई थी. इससे पहले सोशल मीडिया पर ये ख़बरें आ रही थीं कि सरकारी अधिकारी इन शिया मुसलमानों को गोलीमार दस्ते के हाथों सज़ा ए मौत देने की तैयारी कर रहे थे.
इस सज़ा-ए-मौत के बाद देश में लोग विरोध में उत्तर ए. गृह मंत्रालय से जारी सूचना के अनुसार विरोध प्रदर्शनों में एक पुलिसवाले को गोली मार दी गई और कुछ लोग घायल हुए हैं.