सऊदी किंग, जोकि देश का राजा होता हैं, और देश का शासक भी कहलाता हैं जिस पर किसी भी तरह के संविधान का अंकुश नहीं होता हैं. सऊदी अरब का राजा देश के लिए प्रमुख राजशाही के रूप में कार्य करता हैं. इसके अतरिक्त सऊदी अरब का किंग दो पवित्र मस्जिदों मस्जिद अल-हरम और मस्जिद-अल-नबवी का संरक्षक भी होता हैं.
सऊदी अरब एक पूर्ण राजशाही (absolute monarchy) वाला देश हैं. पूर्ण राजशाही देश वह होते हैं जहां राजा के फरमान का पालन होता हैं और राजा को अपने नागरिको पर पूरा अधिकार होता हैं. अमूमन पूर्ण राजशाही में सिंहासन पिता से पुत्र को जाता है हालांकि कुछ में उत्तराधिकारी का अन्य सिद्धांतो पर चुनाव होना भी इतिहास में देखा गया है. सऊदी किंग के परिवार को “हाउस ऑफ़ सऊद” के नाम से भी जाना जाता हैं. सऊदी अरब पर शासन करने वाला व्यक्ति भी हाउस ऑफ़ सऊद का ही होता हैं.
सऊदी अरब में अब तक छह किंग रह चुके हैं, और किंग सलमान बिन अब्दुलअज़ीज़ सातवें किंग हैं.
सऊदी अरब में पूर्ण राजशाही की शुरुआत 1902 किंग अब्दुलअज़ीज़ ने की थी. किंग अब्दुलअज़ीज़ इब्न अब्दुल रहमान इब्न फैसल इब्न तुर्की इब्न अब्दुल्लाह इब्न मुहम्मद अल सऊद का जन्म सन 15 जनवरी 1876 में हुआ था. इनके पिता का नाम अब्दुल रहमान बिन फैसल था. किंग अब्दुलअज़ीज़ पूरे अरब जगत में अब्दुलअज़ीज़ के नाम से जाने जाते थे, और ये सऊदी अरब के पहले राजा थे. जिसके बाद यह प्रक्रिया चलन में आयी.
किंग अब्दुलअज़ीज़ के शासनकाल की शुरुआत 22 सितम्बर 1932 में हुई थी जबकि इनके शासनकाल का अंत इनकी मौत के साथ हो गया.
इन्होंने 1938 में सऊदी अरब में पेट्रोलियम की खोज की अध्यक्षता की, और द्वितीय विश्व युद्ध के बाद बड़े पैमाने पर तेल उत्पादन की शुरुआत की. उन्होंने 45 बेटों सहितकई बच्चो को जन्म दिया. इन्होंने अपनी ज़िन्दगी में कई बड़े कारनामे किये, सबसे पहले अपने वर्चस्प का प्रसार किया और कुवैत को आखिरी मंज़िल बनाया, और 9 नवम्बर 1953 में उनका निधन हो गया.
1933 में किंग अब्दुल अज़ीज़ ने अपना तख़्त अपने दुसरे बेटे प्रिंस सऊद के साथ साझा कर लिया और दोनों ने सऊदी अरब के शासनकाल को आगे बढ़ाया. इनका नाम सऊद बिन अब्दुलअज़ीज़ अल सऊद था.
इनका जन्म 15 जनवरी 1902 में हुई थी और इन्होंने किंग अब्दुल अज़ीज़ की मौत के बाद सऊदी अरब की कमान संभाली. 1953 से किंग सऊद ने शासनकाल के शुरुआत हुई थी लेकिन हाउस ऑफ़ सऊद में तनावपूर्ण स्थिति आने के बाद इनको जबरन 1964 में तख्त से हटा दिया गया और सऊदी अरब को उनके भाई प्रिंस फैसल के हाथो में सौंप दिया गया.
प्रिंस सऊद का जन्म कुवैत में हुआ था. प्रिंस फैसल और प्रिंस सऊद हाउस ऑफ़ सऊद के सबसे बड़े बेटे थे, किंग अब्दुलअज़ीज़ के निधन के बाद दोनों में टकराव पैदा हो गया, जिसके बाद किंग सऊद को तख्त छोड़ना पड़ा.
प्रिंस सऊद के 115 बच्चे थे और कई पत्निया थी. किंग सऊद की मौत 67 साल की उम्र में जनवरी 24, 1969 को हुई. इन्होंने सऊदी अरब पर 11 साल तक शासन किया.
इसके बाद प्रिंस फैसल ने सऊदी अरब में अपने शासनकाल की शुरुआत की. प्रिंस फैसल जोकि किंग अब्दुलअज़ीज़ के सबसे बड़े बेटे में से थे, और प्रिंस सऊद को तख्त से हटाने के बाद सऊदी अरब के किंग बने थे.
किंग फैसल बिन अब्दुलअज़ीज़ अल सऊद जिनका जन्म 14 अप्रैल 1906 को रियाद में हुआ था. इन्होंने अपने शासनकाल में दो मुख्य विदेशी नीतियों में साम्यवाद विरोधी और फिलीस्तीनी राष्ट्रवाद समर्थक नीति को अपनाया.
इन्होंने सफलतापूर्वक सऊदी अरब की नौकरशाही को बरक़रार रखा, किंग फैसल हाउस ऑफ़ सऊद के बीच काफी लोकप्रिय और पसंदीदा थे. इन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान एक एहम फैसला लिया, जिसके बाद उनके चर्चा के किस्से आम हो गए थे. किंग फैसल ने 1962 में ग़ुलामी को समाप्त करने के आदेश दे दिए. इससे पहले सऊदी अरब में ग़ुलामी का चलन रहा करता था.
1975 में किंग फैसल को उनके भतीजे फैसल बिन मुशैद ने जान से मार दिया. किंग फैसल के शासनकाल की शुरुआत 1964 में हुईं थी और उनके निधन के साथ ही 1975 में उनके शासनकाल की भी सम्पति हो गयी.
किंग फैसल के बाद खालिद बिन अब्दुलअज़ीज़ अल सऊद ने सऊदी अरब का दायित्व संभाला. किंग खालिद बिन अब्दुलअज़ीज़ अल सऊद का जन्म 13 फरवरी 1913 को हुई थी. किंग फैसल की मौत के बाद 25 मार्च 1975 को उन्होंने सऊदी अरब के किंग का तख्त संभाला.
किंग खालिद बिन अब्दुलअज़ीज़ अल सऊद किंग अब्दुलअज़ीज़ के पांचवे बेटे थे. लंबे समय से स्वास्थ की खराबी के कारण सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस प्रिंस फहद को सऊदी अरब की शासन की कमान दे दी गयी थी.
7 साल के एक छोटे शासनकाल के बाद 13 जून 1982 को हार्ट अटैक के कारण किंग खालिद की मौत हो गयी.
फहद बिन अब्दुलअज़ीज़ अल सऊद, जिनको किंग खालिद की ज़िन्दगी में सऊदी अरब की कमान दे दी गयी थी. किंग फहद का जन्म 1921 को हुई थी. जोकि किंग अब्दुलअज़ीज़ के 45 बेटो में से एक थे. उन्होंने सऊदी अरब पर 1982 से 2005 तक शासन किया.
किंग फहद की मौत 84 वर्ष की उम्र में 1अगस्त 2005 को हुई थी. इन्होंने सऊदी अरब पर 23 साल हुकूमत की. इनके निधन के बाद प्रिंस अब्दुल्लाह ने सऊदी अरब पर हुकूमत की.
किंग अब्दुल्लाह बिन अब्दुलअज़ीज़ अल सऊद, जिनका जन्म 1 अगस्त 1924 को हुआ था. इनका निधन 23 जनवरी 2015 में हुआ. जिसके साथ ही इनके शासनकाल की भी समाप्ति हो गयी.
किंग अब्दुल्लाह ने सऊदी अरब पर लगभग 10 सालो तक हुकूमत की. किंग अब्दुल्लाह के निधन के बाद किंग सलमान बिन अब्दुल अज़ीज़ ने सऊदी अरब की सत्ता संभाली.
किंग सलमान बिन अब्दुल अज़ीज़ का 31 दिसम्बर 1935 को हुआ था. इस समय सऊदी अरब में किंग सलमान की राजशाही चल रही हैं. इनके बाद किंग सलमान के बेटे मुहम्मद बिन सलमान को क्राउन प्रिंस बनाया जा सकता है
