मक्का- तुर्की, यूरोप और जर्मनी के 100 से ज्यादा मुस्लिम महिलाएं और पुरुष ने शुक्रवार को मक्का म्यूजियम की विरासत और इतिहास के बारे में जानने के लिए म्यूजियम का भ्रमण किया.
यह दुनिया के लाखो तीर्थयात्रियों में महज कुछ ही थे , ये लोग पवित्र शहर मक्का और मदीना की मस्जिदों के इतिहास को जानने के लिए सऊदी अरब आये हैं, ये लोग काबा के इतिहास के बारे में जाने के लिए काफी उत्सुक हैं.
मक्का में आने वाले यात्रियों के लिए सरकार की तरफ से विशेष खातिरदारी की जाती है, वह यहाँ सीख सकते हैं कि किंग अब्दुल अज़ीज़ ने किंग के मेहमानों के लिए महल के रूप में सेवा करने के निर्देशों के तहत इसे कैसे बनाया था, इसे बाद में एक संग्रहालय में बदल दिया गया जिसने मक्का की विरासत को संरक्षित रखा और सिखाया की पैगंबर मुहम्मद(स.अ.व.) की बताई गयी बातों पर अमल करना चाहए, उनके बताये हुए रास्तों पर चलना चाहए और इस्लामिक राज्यों और सऊदी राज्य ने खुद को दो पवित्र मस्जिदों और उनके आगंतुकों की सेवा के लिए समर्पित किया है.
सऊदी आयोग के पर्यटन और नेशनल हेरिटेज (सीसीटी) के मक्का में महानिदेशक फैसल अल-शरीफ ने कहा कि “एससीटीई के अध्यक्ष, प्रिंस सुल्तान बिन सलमान, सार्वजनिक और निजी पर्यटन संग्रहालयों के निर्देशों के मुताबिक देश की राजधानी ने हज और उमराह मंत्रालय के साथ सहयोग कर देश में विजिटर्स के लिए दरवाजे खोलें हैं और इस साल पर्यटक वीजा भी जारी कर लिया हैं.
उन्होंने कहा कि “मक्का संग्रहालय के दरवाजे सुबह शाम तीर्थयात्रियों के लिए खुले हैं.”