सऊदी अरब के पवित्र शहर मक्का पर 28 अक्टूबर को हुए नाकाम हमले पर अरब देशो और अन्य देशो की इस्लामिक संस्थाए और परिषद् ने कड़ा रुख अपनाया हैं. इन सभी इस्लामिक संस्थाओ और परिषदों ने हौथी विद्रोहियों और इनका समर्थन करने वालो की कड़ी आलोचना की हैं.
अल-अरबिया न्यूज़ के अनुसार इन संस्थाओं ने कहा कि सऊदी अरब देश की सुरक्षा और पवित्र स्थानों की रक्षा करने की क्षमता हैं.
दक्षिण अफ्रीका में विद्वानों की एसोसिएशन में ट्यूनीशियाई धार्मिक, राजनीतिक और मीडिया हस्तियों और मिस्र के विद्वानों और वाशिंगटन स्थित इस्लामी केंद्र ने निंदा की.
उल्लेखनीय हैं कि 28 अक्टूबर देर रात यमन में हौथी विद्रोहियों ने मुस्लिम समुदाय के सबसे पवित्र शहर मक्का को निशाना बनाते हुए मिसाइल दाग डाली लेकिन सऊदी अरब ने इस मिसाइल को निशाने पर पहुँचने से पहले ही नष्ट कर दिया.
मिसाइल को लक्ष्य पर पहुँचने से पहले ही सऊदी सेना ने नाकाम कर दिया, मक्का पहुचने से लगभग 65 किलोमीटर पहले ही इस हवा में मार गिराया गया.
इस घटना के बाद रियाध स्थित विदेशी राजदूतों ने एक आवाज़ उठाते हुए पवित्र शहर मक्का पर हुए विफल हमले की आलोचना की. अरब न्यूज़ के अनुसार जर्मन के राजदूत ने कहा कि हम इस विफल हमले कि कड़े शब्दो में आलोचना करते हैं. उन्होंने कहा कि यमन में शांति कायम करने के लिए ज़रूरी हैं कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रस्तावित बिल पर समीक्षा कि जाये.
Web-Title: World islamic organisation condemns Missile launched towards mecca
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