World News Arabia Published Date: 23-Dec-2017 Time: 03:26 PM
अमेरिका ने अपने प्रस्ताव को रोकने के लिए सुरक्षा परिषद के वीटो का इस्तेमाल किया था. अमेरिका का समर्थन करने वाले ब्रिटेन और फ्रांस सहित परिषद के सभी 14 अन्य देशों ने इस प्रस्ताव को समर्थन दिया था. इसके बाद यमन और तुर्की ने इस प्रस्ताव को महासभा को सौंप दिया था, जहां अमेरिका पास वीटो पॉवर नहीं गयी.
इस वक़्त पूरी दुनिया अमेरिका और इजराइल के खिलाफ खड़े है. दुनिया भर के सभी देशों ने ट्रम्प और इजराइल के इरादों पर पानी फेर दिया है और UN ने जेरुशलम के हक़ में फैसला सुनाया है. दुनिया भर के लोग येरुशलम का समर्थन करते नज़र आए. ख़ास बात यह रही कि ट्रम्प के फैसले के विरोध में वो देश भी आयें जो अब तक ट्रम्प का साथ देते आयें है.
भारत ने भी ट्रम्प के फैसले का विरोध करके करके येरुशलम के समर्थन में मतदान दिया, हलाकि कि ट्रम्प ने भारत को यह तक कह डाला की अमेरिका अब भारत को अमेरिका से किसी तरह की उम्मीद नहीं करनी चाहए.

भारत के अलग-अलग शहरों में रैली निकलकर येरुशलम का समर्थन किया गया. “रैली के दौरान लोगों ने ट्रम्प के खिलाफ नारेबाजी की और कहा कि हम येरुशलम और फिलिस्तीनी लोगों के अधिकारों के लिए हर मोड़ पर उनके साथ खड़े है और खड़े रहेंगे. इजराइल को येरुशलम पर कब्जा नहीं करने देंगे.”
हरयाणा में रैली निकालकर किया गया जेरुशलम का समर्थन
जमीयत-उलेमा-ए-हिंद जो एक मुस्लिम ने जुमे की नमाज़ के बाद रैली निकालकर इजराइल और अमेरिका के विरोध में नारेबाजी की फिलिस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन किया गया. रैली में मुंबई, पुणे, कोलकाता, गुवाहाटी, अगदरला, पटना, रांची, बनारस, कानपुर, देहरादून, गया, हैदराबाद, अहमदाबाद, सूरत, बैंगलोर, चेन्नई के लोग शामिल थे.
इस मौके पर हरयाणा के पूर्व मंत्री आफताब अहमद ने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप मुसलमानों के खिलाफ बेहद्द खराब फैसला लिया है. उनके इस फैसले से दुनिया अमेरिका और इजराइल के साथ दुश्मनी का नजरिया रख रही है.

येरुशलम फिलिस्तीनी लोगों के लिए ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के मुसलमानों का धार्मिक पवित्र स्थान है. मेवात के मुसलमानों ने अमेरिका और इजराइल का विरोध किया. आफताब ने कहा कि जब तक हम जैसे मुसलमान जिंदा है तब तक इजराइल के नापाक ख्वाब को किसी भी हालत में पूरा नहीं होने देंगे.
कोलकता में लोगों ने रैली का आयोजन करके जताया समर्थन
कोलकता के लोगों ने भी जमकर ट्रम्प के खिलाफ नारेबाजी की और जेरुशलम के हक़ में समर्थन किया. लोगों ने ट्रम्प और नेतान्याहू के पोस्टर जलाये और फिलिस्तीनी लोगों के हालात बेह्तर करने के लिए दुआएं की.
इसी तरह भारत के अलग-अलग शहरों में लोगों ने जुमे की नमाज़ के बाद येरुशलम का समर्थन करते हुए वहां के लोगों के लिए अमन की दुआएं मांगी.
