सऊदी अरब के विदेश मंत्री अल-जुबेर ने शुक्रवार को सीरिया के बारे में अंतरराष्ट्रीय मंत्रिस्तरीय बैठक में हिस्सा लिया, जो की पेरिस में आयोजित की गयी थी. जिसमें 70 देशों के विशेषज्ञों ने आतंकवादी वित्तपोषण का मुकाबला करने के लिए भाग लिया, इस बैठक का नाम “नो मनी फॉर सपोर्टिंग टेररिज्म” यानी की आतंकवाद के लिए कोई पैसा नहीं, रखा गया था.
सऊदी विदेश मंत्री ने की आतंकवाद से निपटने की मांग
अरब न्यूज के अनुसार सऊदी विदेश मंत्री भी इस बैठक में फ्रांस, जर्मनी, अमेरिका, जॉर्डन और ब्रिटेन के अधिकारियों के साथ शामिल हुए. सऊदी विदेश मंत्री जुबेइर ने बाद में आतंकवाद और इसके वित्तपोषण से निपटने के लिए प्रभावी अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई की मांग की और साथ ही साथ यह भी कहा की सऊदी अरब ने 2005 में आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए पहला अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया था.
अरब न्यूज के अन्सुआर उन्होंने कहा कि सऊदी अरब सक्रिय रूप से धन की आवाजाही पर नज़र रखता था और संयुक्त राष्ट्र में अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद केंद्र की स्थापना का समर्थन करता था और उन देशों में से एक था जिन्होंने देश के खिलाफ वैश्विक गठबंधन बनाया था.
अरब न्यूज के अनुसार विदेश मंत्री ने इस्लामी सैन्य काउंटर आतंकवाद गठबंधन की स्थापना और अतिवादी विचारधारा का मुकाबला करने के लिए वैश्विक केंद्र सहित राज्य की अगुवाई में कई अन्य पहलुओं पर भी बात की.
आतंकवाद से लड़ने में है सबसे आगे
अरब न्यूज के अनुसार आतंकवाद से लड़ने के लिए सऊदी अरब सबसे आगे है. रियाद की हालिया यात्रा के दौरान संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो ग्युटेरेस ने संयुक्त राष्ट्र काउंटर-आतंकवाद केंद्र के उदार समर्थन के लिए रियाद का धन्यवाद किया. जिसमे संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद केंद्र और अरब आंतरिक मंत्रियों की परिषद के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे.
ज्ञात हो की पिछले साल सऊदी अरब के साथ मिस्र,अमीरात और बहरीन ने कतर पर आतंकवाद का समर्थन करने का आरोप लगाया था, जिसके बाद चारों देशों ने कतर के साथ अपने राजनयिक रिश्तों को तोड़ दिया था.