इसराइल की राजधानी के रूप में जेरुसलम को मान्यता देने वाले डोनाल्ड ट्रम्प के फैसले के बाद इसराइल के नेताओं ने पवित्र शहर जेरुसलम में एक ट्रेन स्टेशन का नाम डोनाल्ड ट्रम्प रखने की योजना बनाई है.
इसराइल के परिवहन मंत्री ने कहा की “मैंने निर्णय लिया है की एक नए ट्रेन स्टेशन जो की वेस्टर्न वाल के पास यहूदी क्वार्टर के पास एक रेलवे स्टेशन स्थापित किया जायेगा, जिसका नाम डोनाल्ड ट्रम्प के नाम पर रखा जायेगा, यह निर्णय उनके एतिहासिक और बहादुरी निर्णय के बाद लिया जा रहा है, जो उन्होंने इस महीने के शुरुआत में लिया था की वह अपनी अमेरिकन एम्बेसी को तेल अवीव से जेरुसलम में स्थान्तरित करेंगे और इसराइल की राजधानी के रूप में वह जेरुसलम को मान्यता देते हैं.”
ट्रम्प की इस फैसले की जहां यहूदियों और इस्राइली नेताओं ने प्रशंसा की थी तो वहीं अंतरराष्ट्रीय समुदाय और फिलिस्तीनियों ने इस फैसले की कड़ी निंदा की थी.
यूएस की कई धमकियों के बाद भी पिछले हफ्ते इस फैसले के अंतिम निर्णय के लिए वोटिंग की गयी थी, जहां इसराइल के खेमे में अमरीका सहित कुल नौ देशों ने वोट दिए थे तो वहीं फिलिस्तीन को 128 देशो वोट देकर फिलिस्तीनी खेमे में समर्थन देकर फिलिस्तीन के लिए अपना प्यार दिखाया.
The results of the UN vote. pic.twitter.com/KlXuXBRmzR
— asad abukhalil (@asadabukhalil) December 21, 2017
Trump Station is a fitting name for the new train stop that will be next to the Western Wall in Jerusalem. No reason to hide the marriage of racism and theft that is the US-Israel alliance.
— Issa Amro عيسى عمرو (@Issaamro) December 28, 2017
स्टेप फीड की खबरों के अनुसार “नया रेलवे स्टेशन अभी भी प्लानिंग स्टेज में है और इजरायल को जल्द-से-जल्द खुली हाई-स्पीड रेल लाइन को विस्तारित करने की आवश्यकता होगी. योजना के माध्यम से यह जेरूसलम की पश्चिमी दीवार तक पहुंच जाएगी. इस तरह के विस्तार से महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया मिलती है, हालांकि, इसके लिए सेंट्रल जेरुसलेम और राजनीतिक और ऐतिहासिक रूप से संवेदनशील पुराने शहर के नीचे सुरंग की आवश्यकता होती है.
स्टेप फीड के अनुसार इस योजना के साथ आगे बढ़ने से अंतरराष्ट्रीय समुदाय चिंतित हो जाएगा, जो पूर्वी जेरूसलम पर इजरायल की संप्रभुता को नहीं पहचानता है.
इजरायल के परिवहन मंत्रालय के प्रवक्ता अवनेर ओवडिया ने कहा कि “इसके लिए लगभग $700 मिलियन का खर्च आएगा और इसे पूरा करने में करीब चार साल लग सकते हैं.