दुनिया भर की मीडिया को अधिकतर सनसनीखेज़ रिपोर्टिंग करते देखा जा रहा हैं लेकिन बीते रविवार को बगदाद में हुए मुसलमानो के एक विशाल विरोध प्रदर्शन को किसी भी मेनस्ट्रीम मीडिया ने दिखाना ज़रूरी नहीं समझा. शिया समुदाय के अरबईन मार्च के दौरान बगदाद में लाखो मुसलमानो ने आतंकी संगठन इस्लमिक स्टेट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जिसको पक्षिमी मीडिया ने दरकिनार किया साथ ही अन्य मुख्य संचार एजेंसियों ने भी नहीं दिखाया.
यज़ीद जिसने अपनी तानाशाही के आगे नवास-ए-रसूल पैग़म्बर मोहम्मद साहब, इमाम हुसैन को शहीद कर दिया था, सोमवार को इमाम हुसैन के शोक मानाने का आखिरी दिन था, जिसके बाद लाखो लोगो ने इस्लामिक स्टेट का पुरज़ोर विरोध किया.
इस मौके पर लाखों लोगों ने कर्बला में अरबईन जुलूस में भाग लिया, इस जुलूस में लगभग 60 देशों के लोगो मन शिरकत की. अधिकतर लोगो ने इराक के दुसरे शहरों से जैसे नजफ़ और बगदाद से कर्बला की तरफ पैदल यात्रा भी की.
अरबईन या मातम, सातवीं सदी के सामाजिक न्याय नेता , शांति के प्रतीक और नवास-ए-रसूल पैग़म्बर मोहम्मद साहब, इमाम हुसैन की शहादत की वर्षगांठ के अवसर पर एक शिया मुस्लिम परंपरा है. अरबईन मुहर्रम-उल-हराम के 40 वे दिन होता हैं.
उल्लेखनीय हैं कि आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के वजूद में आने के बाद आतंकी हमलो में लाखो की संख्या में मुसलमान मुसलमानो मारे जा चुके हैं. जो अन्य पश्चिमी देशों में हमले में मारे गए लोगों की संख्या से कई गुना ज़्यादा है.
तीर्थयात्रियों पर हो रहे हमलो को ध्यान में रखते हुए बगदाद और इराक की सुरक्षा को और पुख्ता कर दिया हैं. इस मौके पर इखट्टा हुए मुसलमानो ने आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के खिलाफ विरोध किया जो मीडिया की नज़रो से काफी दूर रहा.
Web-Title: Protest against ISIS in Baghdad
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