वर्ल्ड न्यूज़ अरेबिया – ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है जब मेन स्ट्रीम मीडिया में कोई बहुत बड़ी झूठी खबर चलती है और लोग उस पर विश्वास कर लेते है लेकिन जब कोई जाना-माना अख़बार किसी बड़ी हस्ती को लेकर झूठी खबर चलाता है तो उसका नतीजा यह निकलता है की उसकी देखा देखि तमाम अखबार भी उसी खबर को छापना शुरू कर देते है. वर्ल्ड न्यूज़ अरेबिया के सामने आज एक मामला आया जहाँ सोशल मीडिया से लेकर तमाम ऑनलाइन अखबारों में यही खबर देखने को मिल रही है जहाँ क़तर की राज कुमारी को लेकर बहुत गन्दी न्यूज़ मीडिया में वायरल की जा रही है.
क्या लिख रही है हिंदी मीडिया

आइये खबर की सच्चाई जानने से पहले देखते है की हिंदी मीडिया क्या क्या लिख रहा है. हिंदी अखबारों की माने तो क़तर की राजकुमारी जिसका नाम शेख सल्वा है वो लन्दन में 7 पुरुषों के साथ सेक्स करती हुई पकड़ी गयी है जिसे छुपाने को लेकर क़तर की सरकार ने 50 करोड़ यूरो देने की पेशकश की थी. जिस न्यूज़ पेपर का हवाला देकर यह झूठी खबर प्रकशित की गयी है उसका नाम फाइनेंसियल टाइम्स है जो की यूनाइटेड किंगडम का जाना-पहचाना अख़बार है. 50 करोड़ यूरो देने की पेशकश उसी अख़बार को दी गयी थी लेकिन अख़बार ने अपनी पत्रकारिता की डिग्री लेते समय खायी कसम को याद किया और रिश्वत लेने से मना कर दिया और यही नही हिंदी अख़बारों ने घटियापन की सीमा लांघते हुए लिखा की राजकुमारी ने दलाल को पूर्ण संतुष्टि देने के लिए सात पुरुषों को लाने को कहा था.
आइये बताते है इस खबर की सच्चाई
जब कोई ऐसी खबर मीडिया में उडती है तो पत्रकारिता के सिद्धांत के अनुसार पहले खुद पड़ताल करके उस खबर की सच्चाई जानी जाती है अगर खबर में कहीं भी बाल बराबर भी सन्देश हो तो उस खबर को प्राकशित करने से बचा जाता है लेकिन इस कहबर को लिखने वाले एडिटर्स को शायद यह बात पता नही थी या जानबूझकर खबर लिखी गयी.
खैर जब हमारे सामने यह न्यूज़ आई तो सबसे पहले हमने उस अख़बार को खोला जिसका हवाला देकर यह न्यूज़ कही जा रही है जिसमे सर्च करने पर कहीं भी ऐसी न्यूज़ नही मिली यहाँ तक की गूगल न्यूज़ में भी यह खबर नही है सिवाय हिंदी अख़बारों के. किसी वेबसाइट से डाटा सर्च करने का आसान तरीका है की गूगल में site:worldnewsarabia.com लिखकर सर्च कर लें यहाँ बात फाइनेंसियल टाइम्स जैसे अख़बार की हो रही है तो site:ft.com qatar Princess करके सर्च करें. यह करने से गूगल वो डाटा भी उठाकर सामने रख देगा जो आमतौर पर सर्च रिजल्ट में नही दिखाया जाता लेकिन हिंदी एडिटर्स ने यह भी करने की कोशिश नही की. अब इसके बाद चलो उसी वेबसाइट पर चलते है जिसकी यह बात कर रहे है क्यों की कुछ देर के लिए हम यह मान लेते है की हो सकता है गूगल में यह न्यूज़ ना पहुँच पाई हो.

ठीक ऊपर जो स्नैपशॉट आप देख रहे है वो फाइनेंसियल टाइम्स का है जिसमे कीवर्ड Qatar Princess सर्च किया गया है लेकिन ऐसा कोई भी रिजल्ट निकलकर सामने नही आया.
एक और तरीका इन्टरनेट से पुरानी खबर को ढूंढने का
web.archive.org एक ऐसा डेटाबेस प्लेटफार्म है जहाँ दुनियाभर की सारी वेबसाइट का डाटा स्टोर किया जाता है चाहे वेबसाइट बंद हो गयी हो और उसका डोमेन किसी और ने खरीद लिया हो लेकिन यह वेबसाइट एक एक रिकॉर्ड अपने पास रखती है. यहाँ तक की दिनांक के हिसाब से स्नैपशॉट लेकर रखती है
मान लीजिये अगर फाइनेंसियल टाइम्स ने इस खबर को प्रकाशित किया और उसके बाद डिलीट कर दिया तब भी आर्काइव में उसका डाटा स्टोर हो जायेगा. जब हमने आर्काइव को खंगाला तब भी ऐसी खबर सामने नही आई.
इन बातों से पता चलता है की यह खबर
- गूगल न्यूज़ में नही है सिर्फ हिंदी वेबसाइट को छोड़कर
- फाइनेंसियल टाइम्स की वेबसाइट पर नही है
- फाइनेंसियल टाइम्स के डेटाबेस में भी नही है
- किसी और न्यूज़ पेपर में नही है
- गूगल के cache मेमोरी में भी नही है जो पहले किसी न्यूज़ पेपर (verified) में प्रकाशित की गयी हो.
- विश्व के सबसे बड़े डेटाबेस स्टोर में भी ऐसी कोई न्यूज़ नही मिली.
- आर्काइव को खंगालने पर पता चला की ऐसी कोई न्यूज़ पब्लिश ही नही की गयी.
किसका फोटो लगाकर उसे शेख सलवा बना दिया गया ?

अब अखबारों ने एक कदम आगे बढ़कर एक फर्जी फोटो भी इस खबर में लगा डाला बिना यह देखे की जिसका फोटो लगाया जा रहा है वो आखिर है कौन? इतनी सी भी अक्ल नही लगायी की कम से कम गूगल इमेज में फोटो सर्च कर लेते की यह महिला कौन है जिस पर इतना बड़ा इलज़ाम लगाया जा रहा है. आइये हम बताते है की यह कौन महिला है और कहाँ की है.
यूएई की एक काफी बड़ी फाइनेंसियल कंपनी है जिसका नाम है मौज़रई यह महिला उस कंपनी की चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर है और यही नही यह एक साथ 3 कंपनियां चलाती है फोर्ब्स ने इन्हें 26 वे पायदान में रखा है नीचे देखे स्क्रीनशॉट. सबसे खास बात ये है कि क़तर की 13 शहजादियों में किसी का भी नाम शेख सल्वा नहीं हैं.
निष्कर्ष – तमाम ख़बरों और सोशल मीडिया पर चलायी जा रही यह खबर इस बुनियाद पर झूठी है की जिस न्यूज़ पेपर का हवाला देकर यह न्यूज़ लिखी गयी है उसमे इस तरह की कोई खबर नही है और जिसका फोटो लगाया गया है वो शेख सलवा नही है जिससे वर्ल्ड न्यूज़ अरेबिया इस निष्कर्ष पर पहुँचता है की यह खबर झूठी है.
एक बात और यह खबर 14 अगस्त की बताई जा रही है मान लो 14 अगस्त को फाइनेंसियल टाइम्स ने इसे प्राकाशित कर दिया उसके बाद भी दुनियाभर के अख़बार, सऊदी अरब देशों की मीडिया, ईरान की मीडिया सब चुप बैठे रहे? और अभी तक चुप ही है ?
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नोट – खुद चेक कीजिये फाइनेंसियल टाइम्स के हवाले से यह बात कही जा रही है यह रहा लिंक – http://ft.com