अल्लाह का एक ऐसा बंदा जिसको हम सादिक़ मानते हैं, सबसे सच्चा और ईमानदार व्यक्ति, वह दुनिया में उस वक़्त आये जब लोग एक दुसरे के खून के प्यासे हुआ करते थे. बाप अपनी लड़कियों को ज़िंदा दफ़न कर देते थे, महिलाओं के पास कोई अधिकार नहीं हुआ करता था.
उस वक़्त पूरी इंसानियत को अँधेरे से निकाल कर रौशनी लाये. वह और कोई नहीं बल्कि अल्लाह का नेक बंदा और आखिरी पैग़म्बरे इस्लाम ताजेदार-ऐ-मदीना, सरवर-ऐ-कुनैन, मुख़्तार-उल-अमीन, रसूल-ऐ-अकरम, मोहम्मद मुस्तफा सलल्लाहो अलेह वसल्लम हैं.
जो सभी की मदद के लिए आगे बढ़े, न काला देखा, न गोरा, न अमीर देखा, न गरीब सबके लिए आगे आये. जिनको इंसानियत का प्रतीक कहा जाता हैं.