अभियोजन पक्ष ने गुरुवार को कहा, ब्राजील में एक नवजात बच्ची उसके खुद के की माता-पिता ने बच्ची को जिंदा मिट्टी में दफन कर लिया. यह बच्ची 7 घंटे तक मिट्टी में दफ़न रही जिसके बाद रेस्क्यू टीम ने बड़ी मशक्कत के बच्ची को बाहर निकाला गया. चमत्कारी बात यह रही कीसात घंटे तक बिना हवा मिले यह बच्ची जिंदा है.
एक नर्स ने अधिकारियों को चेतावनी दी कि मातो ग्रोसो राज्य के झिंगू नेशनल पार्क में मंगलवार को एक बच्ची को जन्म के तुरंत बाद जिंदा दफना दिया गया, इस इलाके में ब्राजील के आदिवासी लोगों के घर है.
पुलिस ने रात में एक उथले छेद से रेत खोदने वाले अधिकारियों को दिखाते हुए एक वीडियो जारी किया, फिर नग्न बच्चे को खींचकर बाहर निकाला गया.
राज्य अभियोजक पाउलो रॉबर्टो डो प्राडो ने कहा कि बच्ची की दादी, तामायुरा जनजाति के सदस्य को हिरासत में लिया गया था.
उन्होंने एएफपी को बताया, “हम जांच कर रहे हैं कि क्या यह बच्ची को मारने की कोशिश है या नहीं, या परिवार ने यह सोचा की बच्ची मर चुकी है.”
रेस्क्यू टीम ने कहा, “सात घंटे तक मिट्टी के अंदर दफ़न होने के बावजूद,” हमारे पास यह जानकारी मिली कि बच्ची सही सलामत है उसे कुछ नहीं हुआ है.
बच्ची को बुधवार को मातो ग्रोसो राज्य की राजधानी कुइआबा लाया गया था और नवजात गर्भनिरोधक देखभाल इकाई में रखा गया था. जांचकर्ताओं ने कैनाराना शहर के पास के क्षेत्र में परिवार का इंटरव्यू लिया. एक मानवविज्ञानी, मनोवैज्ञानिक और फनई के प्रतिनिधियों – स्वदेशी मामलों के प्रभारी सरकारी निकाय ने भाग लिया और मामले की जांच शुरू की.
वहीँ परिवार ने पुलिस को बताया कि उसकी मां ने बच्ची को बाथरूम में जन्म दिया जिसके बाद बच्ची निचे गिर गयी. राज्य पुलिस ने कहा, “चूंकि पिता बच्ची को पहचानने से इनकार कर रहे है और माँ केवल 15 वर्ष की है, इसलिए पुलिस को संदेह हैं कि उन्होंने नवजात शिशु को मारने की कोशिश की.”